यादो के हर एक दामन से,उन पलो के लम्हे चुराकर...कागज की कतरनो पर, बयान किया है...अपना प्यार बहुत है, तुम्हारे लियेय़े अब सरेआम किया है...
रँगों को शब्द मिल जाएँ तो और क्या चाहिये,बहुतअच्छा लगा तुम्हारा ब्लाग.रजनी भार्गव
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रँगों को शब्द मिल जाएँ तो और क्या चाहिये,बहुत
अच्छा लगा तुम्हारा ब्लाग.
रजनी भार्गव
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