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Saturday, December 06, 2014

Dedicated to MF Hushain: Khamoshiyon ke darmiyan Hushain aur main

Posted by विजेंद्र एस विज at 3:42 PM No comments:
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विजेंद्र एस विज
नई दिल्ली, इलाहाबाद, फतेहपुर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, India
"वास्तव मे कला मन की वह अभिव्यक्ती है जिससे यथार्थ की धारा फूटती है, इस अभिव्यक्ती के अलग अलग माध्यम हैं, कला एक ओर सौन्दर्य का आयाम है, वही दूसरी तरफ चेतावनी का भी...वह सहज ढंग से मन पर अपना असर छोड जाती है साहित्यकार समाज को शब्दो मे व्यक्त करता है और रंगो को कलाकार कल्पना और यथार्थ का सृजनात्मक रुप देकर बहुत कुछ अनकहा कहकर हमे आगाह कर देता है..."
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