Saturday, March 01, 2008

शब्द तुम..?


शब्द तुम
कहाँ चले गये...

पता ही नहीं चला
आधी रात के बाद
कहाँ गायब हो गये...

जाने कौन से दरवाजे
तुम्हारे लिये खुलते हैं...
और,
जाने किस घर मे
अब तुम दस्तक देते हो...
तरह- तरह के स्वांग
रचाने लगे हो...
कब तक यूँ ही,
छलते रहोगे मुझे तुम...
अब तो मै,
तुम्हारी हम उम्र का हो गया हूँ...

-विज

4 comments:

Udan Tashtari said...

वाह कहूँ और
क्या क्या कहूँ!!!!

-चित्र और कविता दोनों के लिये.

Anonymous said...

bahut sundar

Kumar Gaurav said...

sir really ur any creation either it is painting or poem touches my little heart
DEEPAK

हरि जोशी said...

वाह!